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शिक्षा विभाग की अनदेखी के खिलाफ भूख हड़ताल, खिलाड़ियों ने खेल सुविधाओं में सुधार के लिए खोला मोर्चा

RNE Bikaner.

राजस्थान के इकलौते आवासीय खेल विद्यालय सादुल स्पोर्ट्स स्कूल की बदहाल व्यवस्थाओं और शिक्षा विभाग की लापरवाही के खिलाफ पूर्व और वर्तमान खिलाड़ियों ने आंदोलन छेड़ दिया है। क्रीड़ा भारती बीकानेर के बैनर तले संगठन के उपाध्यक्ष और राजस्थान टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके खिलाड़ी दानवीरसिंह भाटी और भैरूरतन सारस्वत ने खेल प्रतिभाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

क्रीड़ा भारती बीकानेर के अध्यक्ष गजेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि यह आंदोलन शिक्षा विभाग को झकझोरने और खेल विद्यालय की व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए किया जा रहा है। आंदोलन को समर्थन देने के लिए कई वरिष्ठ खिलाड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता और आमजन धरना स्थल पर पहुंचे।

भूख हड़ताल पर बैठे दानवीरसिंह भाटी, जो राजस्थान बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान रह चुके हैं, ने कहा कि यह कदम लंबे समय से उपेक्षा झेल रहे खिलाड़ियों के भविष्य को सुधारने के लिए उठाया गया है। उन्होंने बताया कि यह संघर्ष केवल सादुल स्पोर्ट्स स्कूल तक सीमित नहीं, बल्कि राजस्थान के हर उस खिलाड़ी की आवाज है, जो सरकार की उदासीनता का शिकार है।

शिक्षा विभाग की अनदेखी :

दानवीरसिंह भाटी ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से क्रीड़ा भारती लगातार स्कूल की बदहाल स्थिति को लेकर शिक्षा विभाग का ध्यान आकर्षित कर रही है। संगठन ने 15 नवंबर तक व्यवस्थाओं में सुधार की मांग करते हुए विभाग को अल्टीमेटम भी दिया था। लेकिन कोई सकारात्मक कदम न उठाए जाने के कारण भूख हड़ताल और धरने का निर्णय लिया गया।

17 साल से खिलाड़ियों की उपेक्षा :

भैरूरतन सारस्वत ने कहा कि सादुल स्पोर्ट्स स्कूल, जिसे राजस्थान में खेल प्रतिभाओं का केंद्र माना जाता है, पिछले 17 वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों को महज ₹100 की डाइट मनी दी जा रही है, जो इस महंगाई के दौर में पूरी तरह अपर्याप्त है। स्कूल के स्विमिंग पूल, डिस्पेंसरी और अन्य बुनियादी सुविधाएं वर्षों से बंद पड़ी हैं।

आंदोलन में रखी गई प्रमुख मांगें :

खिलाड़ियों और क्रीड़ा भारती ने स्कूल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए निम्नलिखित मांगें रखी हैं:

1. खिलाड़ियों की डाइट मनी को ₹100 से बढ़ाकर ₹300 किया जाए।

2. प्रशिक्षकों के खाली पदों पर योग्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाए।

3. बंद पड़ी डिस्पेंसरी और स्विमिंग पूल को पुनः चालू किया जाए।

4. खाना बनाने के लिए पांच स्थाई कुक की नियुक्ति की जाए।

5. खेल उपकरणों के बजट को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख किया जाए।

6. हॉस्टल और खेल मैदानों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाए (जैसे कूलर, गीजर आदि)।

खिलाड़ियों को मिल रहा व्यापक समर्थन :

भूख हड़ताल को विभिन्न समाजों और संगठनों का समर्थन मिल रहा है। आंदोलन स्थल पर क्षत्रिय सभा बीकानेर के अध्यक्ष करण प्रताप सिंह सिसोदिया, पूर्व छात्र नेता गोवर्धन सिंह लोहारकी, पूर्व सरपंच राजपाल कुलहरी, डॉ. नरेश गोयल, राहुल ठानवी, बलराज सिंह बेलासर सहित कई गणमान्य नागरिक और खिलाड़ी पहुंचे।

भूख हड़ताल पर बैठे दानवीरसिंह भाटी ने कहा, “जब एक खिलाड़ी को सरकार ही न्याय नहीं दे सकती, तो उसका भविष्य कौन संवारेगा?” उन्होंने यह भी कहा कि यह संघर्ष केवल उनके लिए नहीं, बल्कि आने वाली खेल पीढ़ियों के हित के लिए है। आंदोलनकारियों ने सरकार से जल्द से जल्द सकारात्मक कदम उठाने की अपील की है।

सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के खिलाड़ियों और उनके समर्थकों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो यह आंदोलन और उग्र होगा। राजस्थान के खेल जगत के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जो खेल प्रतिभाओं के भविष्य को बेहतर दिशा देने में मददगार साबित हो सकता है।